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लंबे समय से चले आ रहे तनाव के बावजूद, भारत ने पाकिस्तान से भी संपर्क साधा. पिछले साल, भारत के विदेश मंत्री शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान के दौरे पर गए. पिछले नौ साल में भारत के किसी विदेश मंत्री का ये पहला पाकिस्तान दौरा था. इसके बाद दोनों देशों ने श्रद्धालुओं की वीज़ा मुक्त आवाजाही के लिए करतारपुर कॉरिडोर समझौते का भी नवीनीकरण किया.

निवेश मंच

मोंगला ईपीजेड बीईपीजेडए के तहत आठ निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्रों में से एक है. यह कारखाना मोंगला बंदरगाह के निकट है जो बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में भारत के लिए रणनीतिक रूप से काफी मायने रखता है. मुख्य सलाहकार ने कहा कि आज देशों की इस संसद में उन्हें खड़े होने का अवसर मिला है, जोकि बांग्लादेश में जुलाई व अगस्त महीने के दौरान हुए रूपान्तरकारी बदलावों से ही सम्भव हो पाया है. सवाल भारत से एक्सपोर्ट होने वाले कॉटन फैब्रिक्स के एक्सपोर्ट को लेकर भी उठ रहे हैं. जब से शेख़ हसीना ने देश छोड़ा है तब से ही सोशल मीडिया पर कई रिपोर्ट्स सामने आई हैं कि अल्पसंख्यक हिंदुओं की संपत्ति और मंदिरों पर हमले हो रहे हैं. भारत की महत्वपूर्ण टेलीकॉम कंपनी एयरटेल का बांग्लादेश की टेलीकॉम कंपनी रॉबी एक्सीआटा में 28 फ़ीसदी का निवेश है.

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2011 में बांग्लादेश सरकार ने ग्रामीण बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से मोहम्मद यूनुस को हटा दिया. इस सप्ताह देश में अंतरिम सरकार के बनने के बाद अब दूसरा चरण होगा देश में चुनाव कराने का, ताकि नई सरकार चुनी जा सके. टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बात करते हुए बीएनपी के वरिष्ठ नेता गायेश्वर रॉय ने कहा “बीएनपी का मानना है कि बांग्लादेश और भारत के बीच आपसी सहयोग होना चाहिए.” ख़ालिदा जिया के नेतृत्व वाली बीएनपी पार्टी ने भारत की ओर से शेख़ हसीना को पनाह दिए जाने को लेकर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की है. आरसीईपी में बांग्लादेश के शामिल होने पर ग्लोबल टाइम्स की एक और रिपोर्ट में कहा गया कि, “हालांकि भारत एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझीदार है, बांग्लादेश को अपने व्यापारिक परिदृश्य में विविधता लाना ज़रूरी है.”

भारत और बांग्लादेश ने इस पर क्या कहा?

चीन ने इसमें न केवल पैसा दिया है बल्कि इंजीनियरिंग में भी मदद की है. चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने भी बांग्लादेश में इस पुल को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है और कहा है कि दोनों देशों के बीच बढ़ती दोस्ती का यह नया प्रतिमान है. बांगलादेश का मुख्य निर्यात उत्पाद रेडीमेड गारमेंट्स (आरएमजी) है, जिसका बड़ा हिस्सा अमेरिका भेजा जाता है.

चाहे वो सैन्य शक्ति का मामला हो या आर्थिक तौर पर संपन्नता का. अमेरिका और यूरोप का अब तक चीन में निवेश होता था, लेकिन कोराना के बाद अमेरिका और यूरोप ने वहां निवेश कम कर दिया. यहां तक की पहले से किए चीन में निवेश को भारत স্মার্ট বিনিয়োগ প্ল্যাটফর্ম सहित अन्य देशों में निवेश करना शुरू कर दिया. इससे चीन को आर्थिक झटका लगने लगा और कोरोना के बाद अब तक चीन की अर्थव्यवस्था उबर नहीं सकी है. सीमा पर तनाव पैदा कर वह भारत पर दबाव बना रहा है कि भारत उसके हितों से न खेले.

निवेश बांग्लादेश

एडीएसएम (ADSM) लीडर और ‘जातीय नागरिक कमेटी’ के संस्थापक सरजिस आलम ने 7.65 मिलियन डॉलर (65 करोड़ रुपये) क्रिप्टोकरेंसी टेथर (Tether) में निवेश किए. बेहद साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि से आकर इतनी बड़ी संपत्ति बनाना अवैध विदेशी फंडिंग की ओर इशारा करता है. भारतीय कॉटन के कुल वैश्विक निर्यात में क़रीब 35 प्रतिशत हिस्सेदारी बांग्लादेश की है. ज़ाहिर है इसका असर भारत पर भी पड़ेगा लेकिन कई लोग मानते हैं कि इससे भारत के भीतर कॉटन की क़ीमत में कमी आएगी और घरेलू टेक्स्टाइल इंडस्ट्री के लिए अच्छा रहेगा. भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच चीन के रुख़ पर कई लोगों की नज़र है. चीन के पाकिस्तान से क़रीबी संबंध रहे हैं और भारत के साथ भी उसके कारोबारी हित जुड़े हुए हैं.

दावोस सम्मलेन, 2024 में AI पर विशेष फोकस क्या था?

  • चीनी राजदूत याओ वेन ने ‘हस्तक्षेप न करने के सिद्धांत’ पर ज़ोर देते हुए ‘ग़रीबी मुक्त और लोकतांत्रिक संपन्न बांग्लादेश के निर्माण’ में सहयोग का आश्वासन दिया है.
  • इसलिए मैंने पूछा, ‘ऐसा कौन सा खेल है जिसके बारे में हर कोई जानता है?
  • मालदीव शांति से प्रगति की राह पर था, लेकिन चीन ने वहां भी दखल दिया और मोहम्मद मुइज्जू की सरकार प्रोपेगेंडा कर बनवा दी.
  • पिछले अगस्त में सत्ता परिवर्तन से पहले, कई बांग्लादेशी मेडिकल सुविधाओं के लिए भारत आते थे.

हमने जितना लोन लिया था, सब मशीन खरीदने में खर्च हो गया. सियासत से इतर भारत के बांग्लादेश के साथ कारोबारी रिश्ते भी बेहद मजूबत हैं. दक्षिण एशिया में बांग्लादेश, भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है. फिलहाल, बांग्लादेश की सेना ने देश में अंतरिम सरकार का गठन करने की घोषणा कर दी है.

दोनों देशों के बीच कई ऐसे लंबित मुद्दे रहे हैं जिनका निपटारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार के दौरान हुआ है. इनमें सबसे प्रमुख रहा दोनों देशों के बीच ‘एन्क्लेव’ के मुद्दे का निपटारा. मोंगला बंदरगाह के माध्यम से बेहतर कनेक्टिविटी भारत और बांग्लादेश के साथ-साथ क्षेत्र के अन्य देशों के बीच माल की आवाजाही को सुविधाजनक बनाती है. वहीं यह स्थान बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में भारत की रणनीतिक उपस्थिति और निगरानी क्षमताओं को बढ़ाता है. बंगाल की एक स्थिर और सुरक्षित खाड़ी क्षेत्र की समग्र सुरक्षा और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है.